अजमेर/ हर साल की तरह इस साल भी बरसों से चली आ रही परंपरा के अनुसार विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की बेटी साहिबज़ादी सैयदा बीबी हाफ़िज़ा जमाल का दो दिवसीय उर्स का शनिवार को चादर के जुलूस के साथ हुआ, असर की नमाज़ के बाद गद्दीनशीन सैयद अब्दुल ग़नी चिश्ती साहब की ज़ेरे सरपरस्ती में चादर का जुलूस गाजे बाजे के साथ निज़ाम गेट से शुरु होकर बुलंद दरवाज़ा, सेहेन चिराग, औलिया मस्जिद, अंजुमन ऑफिस होता हुआ पाईंती दरवाज़े से आस्ताना-ए-आलिआ में पंहुचा जहाँ रौशनी से पहले साहिबज़ादी साहेबा के मज़ार पर मख़मली चादर पेश हुई, सैयद तफ़ज़्ज़ुल हुसैन ने फातेहा दी एवं गद्दीनशीन सैयद फख़र काज़मी चिश्ती ने देश में अमन - शांति, भाईचारे, खुशहाली की दुआ की, जिसमे सैयद फीरोज़ुद्दीन संजरी, सैयद नदीम चिश्ती, सैयद सलीम चिश्ती, सैयद फिरदौस जमाली, सैयद एहतेशाम, शेखज़ादा ज़ुल्फ़िख़ार, सैयद फखरे मोईन, सैयद अज़हर, ज़ीशान, सैयद ताज, अमान, राग़िब अधिवक्ता इत्यादि सभी ख़ुद्दामों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया,सैकड़ों ज़ायरीनों ने शिरकत की,
रात बाद आस्ताना मामूल के महफ़िल-ए-समा हुई जिसकी सदारत गद्दीनशीन सैयद फख़र काज़मी चिश्ती ने की, शाही क़व्वाल असरार हुसैन और पार्टी, शाही क़व्वाल अज़ीम और पार्टी ने सूफ़िआना कलाम पेश करके अपनी अक़ीदतों का इज़हार किया
आज रविवार को गद्दीनशीन सैयद फख़र काज़मी चिश्ती की सदरात में महफ़िल शुरू हुई जिसमे सैयद फीरोज़ुद्दीन संजरी, सैयद ख़्वाजा अहमद, सैयद सलीम चिश्ती, सैयद ज़हूर बाबा, शैख़ज़ादा ज़ुल्फ़िख़ार चिश्ती, शैख़ज़ादा दौलत अली आदि कई लोगों ने महफ़िल में शिरकत की।
सैयद राग़िब चिश्ती अधिवक्ता ने बताया की बीबी जमाल ख़्वाजा साहब की इकलौती बेटी थीं, और पैदाइशी क़ुरआन की हाफ़िज़ा थीं, आप ने हैप्पी वैली में चिल्ला किया था, और उनकी दुआ से किन्नर यानि नामर्द व्यक्ति के भी औलाद हुई थीं, उन्होंने औरतों को घर-घर जाकर इस्लाम की शिक्षाओं से अवगत करवाया, और लोगों को दिनीं तालीमात भी दीं, ख़्वाजा साहब अपने नज़राने में से अपनी बेटी का हिस्सा निकलते थे, इसी परंपरा को निभाते हुए सभी खुद्दाम अपनी अपनी बेहन व बेटिओं का उर्साना भेजते हैं, और हलवा पूरी पर उनके नाम की नियाज़ दिलाते हैं